लगे अखरने शक्ल के, बीवी को जब बाल
लगे अखरने शक्ल के, बीवी को जब बाल ।
मैने फ़ौरन ही उन्हें, ..जड़ से दिया निकाल ।
इक दूजे की बात को, लिया अगर जो मान ।
रहता है परिवार वो, निश्चित ही खुशहाल ।।
रमेश शर्मा.
लगे अखरने शक्ल के, बीवी को जब बाल ।
मैने फ़ौरन ही उन्हें, ..जड़ से दिया निकाल ।
इक दूजे की बात को, लिया अगर जो मान ।
रहता है परिवार वो, निश्चित ही खुशहाल ।।
रमेश शर्मा.