लगी पैसा बुरी बीमारी
लगी पैसा बुरी बीमारी
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राजा हो चाहे भिखारी।
लगी पैसा बुरी बीमारी।
पग-पग पर रिश्वतखोरी,
या चलती है सीनाजोरी,
अफ़सर हो चाहे मदारी।
लगी पैसा बुरी बीमारी।
पैसों से भरी जेब भारी,
फिर भी होती मारोमारी,
मालिक हो चाहे सवारी।
लगी पैसा बुरी बीमारी।
रिश्तों से ऊपर है पैसा,
नाता चाहे हो भी कैसा,
शरीफ़ चाहे व्यभिचारी।
लगी पैसा बुरी बीमारी।
मद से भरी हुई प्याली,
नैन नशीले दिल खाली,
अमृत हो चाहे खुमारी।
लगी पैसा बुरी बीमारी।
बन्द हुआ आना-जाना,
बंधन में हर अफ़साना,
पराई हो चाहे दुलारी।
लगी पैसा बुरी बीमारी।
पेट किसी का न भरता,
मोह-लोभ में पैर चलता,
नौकर हो चाहे सरदारी।
लगी पैसा बुरी बीमारी।
मूढ़ता में हर लूट जाता,
दक्षता में घर भर जाता,
मूर्खता चाहे होशियारी।
लगी पैसा बुरी बीमारी।
कुँवारे अरमान निराले,
ब्याहता नख़रे मतवाले,
ब्याही हो चाहे कुँवारी।
लगी पैसा बुरी बीमारी।
मनसीरत तो है बनिया,
घूम-घूम देखी है दुनिया,
निश्चल हो चाहे विहारी।
लगी पैसा बु री बीमारी।
राजा हो चाहे भिखारी।
लगी पैसा बुरी बीमारी।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)