लगाओ पता इसमें दोष है किसका
लगाओ पता इसमें दोष है किसका।
कि फ़ासले आज हो गये इतने।।
खामोशी क्यों यह बढ़ती गई।
कि खामोश हो गये रिश्तें इतने।।
लगाओ पता इसमें दोष—————–।।
समझा नहीं अब तक किसने किसको।
रखा नहीं है किसने करीब किसको।।
किसने दिखाया बेगानापन प्यार में।
कि हो गये दुश्मन आज हम इतने।।
लगाओ पता इसमें दोष—————–।।
अहम किसने अपना छोड़ा नहीं।
वहम किसने अपना तोड़ा नहीं।।
किसने निभाया नहीं वादा अपना।
कि बिखर गये ख्वाब आज जो इतने।।
लगाओ पता इसमें दोष——————।।
अफसोस क्यों इतना अब हुआ है।
अहसास क्यों नहीं तब हुआ है।।
बसना पड़ा हमको अब परदेश में।
कि दिल के टुकड़े हो गये जो इतने।।
लगाओ पता इसमें दोष—————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)