लगती नाजुक फूल सी
रिश्तों मे दिखता नही,.वहाँ जरा भी चाव !
जहाँ दिलों मे प्यार का,जलता नही अलाव !
किया नही इस बात पर,जल्दी अगर विचार,
हो जाता है एक दिन,आपस मे टकराव! !
यूं झाके हैं चाँदनी,….चंदा की ले ओट !
दिल मे जैसे आ गया,उसके कोई खोट!
है ये धोखा आँख का,या समझू कुछ और,
लगती नाजुक फूल सी,कभी लगे अखरोट! !
रमेश शर्मा.