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8 Dec 2024 · 1 min read

लगता नहीं है अब यहां दिल मेरा,

लगता नहीं है अब यहां दिल मेरा,
दिल टूटा हुआ है मायूस सा है ,किसे पुकारें
पत्थरों का शहर है यह सब है पत्थर ,
कौन सुनें हमारी ,किसे सदा दें ।
काश ! खुदा ही सुन ले हमारी आह ,
अपनी पनाह में बुला ले,
बस ! अब यही उससे हम दुआ करें ।

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