लखनऊ शहर
जूझ कर जाम से हर गली हर प्रहर।
झुक गया तंत्र शासन का शामो शहर।
रेंगती वाहनों की कतारें कहें,
यह नगर है नफासत का लखनऊ शहर।
ई रिक्शे का दिखता शहर में कहर।
कार पार्किंग व्यवस्था की है कुछ खबर।
जाम से जूझता जो शहर है मेरा ,
शानो शौकत निराली निराला शहर।
डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव प्रेम