लक्ष्य हासिल करना उतना सहज नहीं जितना उसके पूर्ति के लिए अभि
लक्ष्य हासिल करना उतना सहज नहीं जितना उसके पूर्ति के लिए अभिलाषी बनना है,
मुकाम तक पहुंचना उतना आसान कहाँ जब राह काँटों से और पीछे धकेलने की ओर धार्मिक लोगों से भरी हो।
यही रेत के कण एक पथयात्री को अपने इच्छा की जिजीविषा को बचाए रखने के लिए पार करने हैं।