Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Satish Srijan
74 Followers
Follow
Report this post
11 Feb 2023 · 1 min read
रौशनी अकूत अंदर,
रौशनी अकूत अंदर,
ताला उसमें है लगा।
खोज ऐसा कामिल मुरशिद
चाबी जिसके पास है।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
1 Like
· 227 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from Satish Srijan
View all
क्षितिज के उस पार क्या है
Satish Srijan
You may also like these posts
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
तू कहती रह, मैं सुनता रहूँगा।।
Rituraj shivem verma
सर्द रातें
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
चौपाई छंद गीत
seema sharma
ग़ज़ल - वो पल्लू गिराकर चले थे कभी,
डी. के. निवातिया
भौतिकवाद के निकम्मेपन से तेवरी का उद्भव +राजकुमार ‘निजात’
कवि रमेशराज
कारगिल विजयदिवस मना रहे हैं
Sonam Puneet Dubey
मोनालिसा
Dr. Kishan tandon kranti
जुमर-ए-अहबाब के बीच तेरा किस्सा यूं छिड़ गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
Phool gufran
"राहे-मुहब्बत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जैसे पतझड़ आते ही कोयले पेड़ की डालियों को छोड़कर चली जाती ह
Rj Anand Prajapati
अनन्यानुभूति
महेश चन्द्र त्रिपाठी
🙅बड़ा बदलाव🙅
*प्रणय*
**कहीं कोई कली खिलती बहारों की**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जीवन से पहले या जीवन के बाद
Mamta Singh Devaa
*सर्दी की धूप*
Dr. Priya Gupta
एहसास ए तपिश क्या होती है
Shweta Soni
सफ़रनामा: मित्रता के रंग
पूर्वार्थ
दर्द लफ़ज़ों में
Dr fauzia Naseem shad
बोल के लब आजाद है
Desert fellow Rakesh
*लो कर में नवनीत (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वो नाकामी के हजार बहाने गिनाते रहे
नूरफातिमा खातून नूरी
भूमिका
अनिल मिश्र
जोर लगा के हइसा..!
पंकज परिंदा
हमारे ख्याब
Aisha Mohan
— मैं सैनिक हूँ —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
23/72.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चिंगारी
Mukund Patil
दूरी अच्छी है
Rambali Mishra
Loading...