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8 Mar 2024 · 1 min read

रोला छंद

रोला छंद
साबुन बचा न शेष, देह काली की काली ।
पहन हंस का भेष , मनाये काग दिवाली ।
नकली जग के फूल, यहाँ का नकली माली।
सत्य यहाँ पर मौन , झूठ की बजती ताली ।

सुशील सरना / 8-3-24

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