रोटी की चिंता
चूल्हे की ठंडाई हुई राख
दबी _दुबकी चिंगारियों संग
सिसकती तपिश
प्लास्टिक की बदरंग
व टूटी हुई चप्पल
घसीटते खुरदुरे पांव
रोटी की चिंता
बदहवास दौड़ती दिनचर्या
यत्र -तत्र -सर्वत्र अभाव का डेरा
ठेकेदार का छेड़ना -छूना
रोती है वह हौले
पर विद्रोह नहीं कर सकती
पेट का डर
उसका मुंह सिल देता है।