रोटी की खुश़बू
एक बार एक बादशाह ने ने अपने सभी दरबारियों से पूछा कि किस इत्र की खुशबू सबसे अच्छी होती है। हर किसी दरबारी ने अपनी पसंद के अनुसार इत्र का नाम बताना शुरू किया। इस पर बादशाह ने वजीरे आज़म को बुलाकर कहा इन सभी इत्र की खुशबुओं में कौन सा इत्र सबसे खुशबूदार है यह पता करो। इस पर वजीर ने कहा मुझे कुछ थोड़ा वक्त चाहिए। बादशाह ने कहा ठीक है आपको यह पता करने के लिए दो दिन का वक्त दिया जाता है ।दूसरे दिन बादशाह शिकार पर निकले और रास्ता भटक गए दरअसल यह एक सोची समझी चाल थी जो कि वजीर ने रची थी। बादशाह के सभी सिपाही बादशाह से अलग हो गए गए और बादशाह भूखे प्यासे जंगल में भटकने लगे ।तभी उन्होंने जंगल में एक भीलनी को रोटी सेंकते हुए देखा।उसकी खुशबू से अपने आप को रोक ना पाए और खिंचे चले गए। बादशाह को देखकर भीलनी घबराई ।बादशाह ने कहा घबराने की कोई जरूरत नहीं है । मैं तो भूख के मारे परेशान हूँ क्या तुम मुझे एक रोटी खाने को दे सकती हो ? भीलनी बोली क्या आप मेरे हाथ की रोटी खा सकेंगे? मुझे क्यों पाप लगाते हैं ।मैं इस लायक नहीं कि आपको अपना खाना खिला सकूँ। फिर भी बादशाह ने कहा मैं कुछ नहीं जानता मुझे बहुत भूख लगी है ।तुम मुझे अपनी रोटी दो मैं खाना चाहता हूं। भीलनी ने उन्हें रोटी दे दी बादशाह ने रोटी खाकर भीलनी के लोटे से से पानी पिया और उसका शुक्रिया अदा किया। इनाम के तौर पर अपने गले में पड़ा हार उतार कर उसे दे दिया। इस दौरान वजीर अपने सिपाहियों के साथ बादशाह को ढूँढता हुआ वहां आ गया ।और उसने कहा कि जहाँपनाह कल आपने मुझे यह पता करने के लिए कहा था कौन सी खुशबू सबसे अच्छी है ।शायद अब आपको पता चल गया होगा कि भूखे पेट आदमी को रोटी की खुशबू सभी खुशबुओं से अच्छी लगती है क्योंकि बिना रोटी के जिंदा रहना मुश्किल है। इसलिए यह खुशबू सभी खुशबुओं से अच्छी है। बादशाह ने कहा तुम सही कहते हो दुनिया में सभी इत्र की खुशबुएँ रोटी की खुशबू के सामने फीकी है।