Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2024 · 2 min read

बाल दिवस स्पेशल… भज गोविंदम भज गोपालम्

(बच्चों के प्रश्न)

रोज नयी है एक प्राॅब्लम।
भेजे के सब खाली काॅलम।
कोई न पूछे हालम चालम।
भज गोविंदम् भज गोपालम्।

कंधों पर है बस्ता भारी,
ये मजबूरी या लाचारी,
कैसे कह दें रहम करो अब ?
कौन मानता बात हमारी ?

मिलकर पीस रहे सब देखो,
उपचार करोगे कब देखो ?
कब तक ओर रखें हम संयम ?
भज गोविंदम् भज गोपालम्।

एलजब्रा से तो जीत गये,
ज्योमेट्री के विपरीत गये,
सारे एंगल बिगड़ गये तो,
मन में हो भयभीत गये।

परम्यूटेशन काॅम्बीनेशन,
सीखे फंक्शन और रिलेशन,
रट रट कर सब कोनिक थ्योरम,
भज गोविंदम् भज गोपालम्।

प्वाइंट लाइन से 2 – डी तक,
वेक्टर से पहुँचे 3 – डी तक,
है काम अधूरा कापी में,
यह बात पहुंच गई डैडी तक।

डैडी ने हिरन बना डाला,
डंडों से मार सुजा डाला।
चहरे पर छाया है मातम,
भज गोविंदम् भज गोपालम्।

खत्म किया था डिफरेंशियशन,
आ धमका फिर इंटीग्रेशन,
बिगड़े सब सीक्वेंस हमारे,
कैसे साॅल्व करें इक्वेशन ?

अब उलझन देख सिमेट्री के,
फिर नखरे ट्रिगनोमेट्री के,
बैठे पेपर में बेहालम,
भज गोविंदम् भज गोपालम्।

क्यों सौ से नंबर आए कम ?
पर खड़े खड़े बस सुनते हम,
जब मार पड़ी तो आँखें नम,
किंतु नहीं कोई हमको ग़म।

अस्त व्यस्त जीवन का सर्किल,
मम्मी पापा टीचर ने मिल,
कर डाले फीके सब मौसम,
भज गोविंदम् भज गोपालम्।

(शिक्षक के जवाब)

ये सच है मुश्किल आएगी,
ये लर्निंग खूब रुलाएगी,
मान लिया टीचर का कहना,
फिर छू मंतर हो जाएगी।

आस हमारे मन में केवल,
जीतो तुम सोने के मेडल,
पढ़ लिखकर तुम बनो महानम्,
भज गोविंदम् भज गोपालम्।

फल निश्चित श्रम का निकलेगा,
मरुथल भी सोना उगलेगा,
चल उठ चल बढ़ चल भेद लक्ष्य,
ये जीवन इक दिन महकेगा।

तज दम्भ द्वेष पाखण्ड क्रोध,
चाहे जितना भी हो विरोध,
मात पिता का रखना ध्यानम्।
भज गोविंदम् भज गोपालम्।

पंकज शर्मा “परिंदा”🕊

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 41 Views

You may also like these posts

फिर से दोस्त बन जाते हम
फिर से दोस्त बन जाते हम
Seema gupta,Alwar
- ना रुक तू जिंदगी -
- ना रुक तू जिंदगी -
bharat gehlot
*दुलहिन परिक्रमा*
*दुलहिन परिक्रमा*
मनोज कर्ण
काली भजन
काली भजन
श्रीहर्ष आचार्य
भतीजी (लाड़ो)
भतीजी (लाड़ो)
Kanchan Alok Malu
कभी हैं भगवा कभी तिरंगा देश का मान बढाया हैं
कभी हैं भगवा कभी तिरंगा देश का मान बढाया हैं
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
Kumar lalit
■हरियाणा■
■हरियाणा■
*प्रणय*
बस्ता
बस्ता
sushil sharma
3144.*पूर्णिका*
3144.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मिथिला -मैथिली: असमंजस स्थिति।
मिथिला -मैथिली: असमंजस स्थिति।
Acharya Rama Nand Mandal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मर्ज ए इश्क़ ( इश्क़ -ए हक़ीक़ी पर आधारित )
मर्ज ए इश्क़ ( इश्क़ -ए हक़ीक़ी पर आधारित )
ओनिका सेतिया 'अनु '
मरने के बाद।
मरने के बाद।
Taj Mohammad
* कुछ सीख*
* कुछ सीख*
Vaishaligoel
हंसते-हंसाते
हंसते-हंसाते
ललकार भारद्वाज
राम नाम सत्य है
राम नाम सत्य है
Neeraj Pandey
"चाहत का सफर"
Dr. Kishan tandon kranti
जय माँ शारदे🌹
जय माँ शारदे🌹
Kamini Mishra
मैं चंचल हूँ मेघों के पार से आया करता हूँ ।
मैं चंचल हूँ मेघों के पार से आया करता हूँ ।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वृद्धाश्रम
वृद्धाश्रम
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
आज के रिश्ते: ए
आज के रिश्ते: ए
पूर्वार्थ
ग़ज़ल:- मेरे ही क़त्ल का इल्ज़ाम मेरे सर आया...
ग़ज़ल:- मेरे ही क़त्ल का इल्ज़ाम मेरे सर आया...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
पिता
पिता
Swami Ganganiya
मृत्यु ही एक सच
मृत्यु ही एक सच
goutam shaw
हम गलत को गलत नहीं कहते हैं
हम गलत को गलत नहीं कहते हैं
Sonam Puneet Dubey
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
धरोहर
धरोहर
Karuna Bhalla
उसको उसके घर उतारूंगा
उसको उसके घर उतारूंगा
डॉ. दीपक बवेजा
Loading...