रोकिये रे मित्र
रोकिये रै मित्र वायरल घटना पर हरियाणवी गीत
*************************************
जीजे गेल्याँ गया साला झूले लैण मेले में,
झूल्यां कै रंग खूब रंगीले मजे लैण मेले में।
रै झूला रोक लै मित्र,
जान आफत में मित्र।
1
निच्चे तै ऊपर झूलण में चा सा चढ गया,
ऊपर तै निच्चे आवण में सांस फूल गया।
रै हालत बिगड़ी मित्र।
रै झूला रोक लै मित्र।
2
सारी दुनिया झूले में झूल कै जी सा लै सै,
शोर मचावैं रुक्के मारें मजा कसूता लैं सै।
चिक्खें-चिल्लावें मित्र।
रै झूला रोक लै मित्र।
3
मनसीरत मेले में आए तरहां तरहां कै झूलै,
मौज-मस्ती खावैं -पींवें या दिन कदै न भूलैं।
चाला पाट गया मित्र।
रै झूला रोक दे मित्र।
*********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)