रोआ के न जइहऽ
हँसावेलू हमके रोआ के न जइहऽ
नज़र से तू कहिओ गिरा के न जइहऽ
सहारा बना के न करिहऽ किनारा
बा उजियार तहरे से संसार सारा
मुहब्बत के दीआ बुता के न जइहऽ-
नज़र से तू कहिओ गिरा के न जइहऽ
कबो साथ छूटे ना साथी सफ़र में
कसम खइले बाड़ू तऽ रखिहऽ जिगर में
कहीं दूर सपना सजा के न जइहऽ-
नज़र से तू कहिओ गिरा के न जइहऽ
न रहबू सँघे तऽ कहाँ चैन आई
ना जियल बनी जान लेली जुदाई
कि हमरा से दामन छोड़ा के न जइहऽ-
नज़र से तू कहिओ गिरा के न जइहऽ
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- ११/०९/२०२१