रेशम के धागे में बंधता प्यार
रेशम के धागे में बंधता प्यार
आया रक्षाबंधन का त्यौहार भैया।
रेशम के धागे में बंधता प्यार भैया।।
रक्षाबंधन के दिन घर को आना,
प्रेम का तुम बस तोहफा लाना,
सजेगी राखी कलाई पर तुम्हारी,
रक्षाबंधन की तुम रीत निभाना।
सुनना बहना की ज़रूर पुकार भैया।
रेशम के धागे में बंधता प्यार भैया।।
श्रावण पूर्णिमा को आएगी बहारें,
शिकवे गिले भुलाने सारे।
मुँह में तुम्हारे मिठाई होगी,
सजेगा तिलक माथे पे तुम्हारे।
दुआ है आए ये दिन हर बार भैया।
रेशम के धागे में बंधता प्यार भैया।।
विपत्ति में होंगे तो आँखें भरेगी।
बहना तेरे लिए हर वक्त लड़ेगी।
हर मुश्किल वक्त में भैया,
मेरी राखी तुम्हारी रक्षा करेगी।
करना मुझ पर सदा उपकार भैया।
रेशम के धागे में बंधता प्यार भैया।।
इन रिश्तों में प्रेम की धार है,
इन रिश्तों में विश्वास सवार है।
धागे कच्चे है रेशम के बेशक,
कच्चे धागों में पक्का प्यार है।
इस पावन त्यौहार में है संस्कार भैया।
रेशम के धागे में बंधता प्यार भैया।।
सुशील भारती, नित्थर, कुल्लू हि.प्र.)