रूह में बसता देश मेरा
बैठे हैं वतन से दूर बहुत दुनिया के किसी कोने में,
वतन के लिए हर पल धड़कता है दिल सीने में।
देश मेरा है किसानों का,
गेहूँ , ज्वार , बाजरों का।
मिश्री से मीठे गन्नों का,
सोने सी पीली सरसों का।
ये देश है वीर जवानों का,
जहाँ मिलता मेहमानों को दर्जा भगवानों का।
विश्व में सबसे ऊँचे पर्वतों का ,
मेरा देश है प्राचीन और अद्भुत इमारतों का ।
आम के पेड़ों पर कुहकती कोयलों का,
बागों में नाचते मोरों का।
मंदिर मस्जिद गिरजा गुरुद्वारों का,
होली ईद दीवाली बैसाखी से त्योहारों का।
रेगिस्तान में उड़ती धूलों का,
हँसी से झड़ते फूलों का।
बलखाती बहती नदियों का,
बच्चों से चहकती गलियों का।
भोले दिल मनमोहक मुस्कानों का,
दूध – दही से भरे पैमानों का।
चंचल हिरण , शेर, हाथी, बाघों का,
देश है मेरा राखी के मज़बूत धागों का।
फूलों से भरी क़तारों का,
नभ को चूमते चिनारों का।
उद्योगों के शहनशाहओं का,
रिलायंस , टाटा , बिरला का।
विचारों के धनियों का,
प्रेम चंद , प्रसाद , निराला का।
ये देश है बुद्ध , नानक , राम का,
बाँसुरी बजाते शाम का।
पटेल , शास्त्री , अटल , मोदी का,
प्राणों से प्यारी भारत माँ की गोदी का।
रूह में बसता देश मेरा,
सब देशों से प्यारा देश मेरा ।
इंदु नांदल विश्व रिकॉर्ड होल्डर
इंडोनेशिया
स्वरचित ✍️