Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2024 · 1 min read

रूबरू रहते हो , हरजाई नज़र आते हो तुम ,

रूबरू रहते हो , हरजाई नज़र आते हो तुम ,
देखकर मुझको ज़रा ज़्यादा ही इतराते हो तुम ,
कौन सा रिश्ता बना रक्खा है , बोलो तो सही ,
जान बनते भी नहीं हो , जान नज़र आते हो तुम।
✍️नील रूहानी,,, 20/09/2024,,,

20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जीवन में कुछ बचे या न बचे
जीवन में कुछ बचे या न बचे
PRADYUMNA AROTHIYA
हमें लिखनी थी एक कविता
हमें लिखनी थी एक कविता
shabina. Naaz
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"I'm someone who wouldn't mind spending all day alone.
पूर्वार्थ
3198.*पूर्णिका*
3198.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
!! मेघ !!
!! मेघ !!
Chunnu Lal Gupta
■ पसंद अपनी-अपनी, शौक़ अपने-अपने। 😊😊
■ पसंद अपनी-अपनी, शौक़ अपने-अपने। 😊😊
*प्रणय प्रभात*
सत्याधार का अवसान
सत्याधार का अवसान
Shyam Sundar Subramanian
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कुंडलिया - होली
कुंडलिया - होली
sushil sarna
परिवार के बीच तारों सा टूट रहा हूं मैं।
परिवार के बीच तारों सा टूट रहा हूं मैं।
राज वीर शर्मा
फूल और कांटे
फूल और कांटे
अखिलेश 'अखिल'
फूल का शाख़ पे आना भी बुरा लगता है
फूल का शाख़ पे आना भी बुरा लगता है
Rituraj shivem verma
" जख्म "
Dr. Kishan tandon kranti
**माटी जन्मभूमि की**
**माटी जन्मभूमि की**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
कुछ तो मेरी वफ़ा का
कुछ तो मेरी वफ़ा का
Dr fauzia Naseem shad
*सुभान शाह मियॉं की मजार का यात्रा वृत्तांत (दिनांक 9 मार्च
*सुभान शाह मियॉं की मजार का यात्रा वृत्तांत (दिनांक 9 मार्च
Ravi Prakash
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
Swara Kumari arya
निष्ठुर संवेदना
निष्ठुर संवेदना
Alok Saxena
इंसान
इंसान
Bodhisatva kastooriya
जिंदगी का कागज...
जिंदगी का कागज...
Madhuri mahakash
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
Ranjeet kumar patre
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
Sanjay ' शून्य'
याद तो करती होगी
याद तो करती होगी
Shubham Anand Manmeet
इतनी भी
इतनी भी
Santosh Shrivastava
"आपके पास यदि धार्मिक अंधविश्वास के विरुद्ध रचनाएँ या विचार
Dr MusafiR BaithA
एक पति पत्नी के संयोग से ही एक नए रिश्ते का जन्म होता है और
एक पति पत्नी के संयोग से ही एक नए रिश्ते का जन्म होता है और
Rj Anand Prajapati
इंसान चाहे कितना ही आम हो..!!
इंसान चाहे कितना ही आम हो..!!
शेखर सिंह
मुझसा फ़कीर कोई ना हुआ,
मुझसा फ़कीर कोई ना हुआ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...