रूप मनोहर श्री राम का
रूप मनोहर राम का,करिए सभी प्रणाम।
जीवन में हो प्रभु कृपा, सुफलित हो हर काम।।
घर घर आए राम हैं,सुंदर बना विधान।
सत्य कर्म करते रहो,यही राम सम्मान।।
कलियुग का अब मध्य में,बढ़ा सनातन धर्म।
सजा राम दरबार फिर,बढ़े धर्म के कर्म।।
त्रेता जैसा हो समय, उर में हो अनुराग।
सत्य कर्म जग में बढ़ें,यही सभी की मांग।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम