Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

रूप मनोहर श्री राम का

रूप मनोहर राम का,करिए सभी प्रणाम।
जीवन में हो प्रभु कृपा, सुफलित हो हर काम।।

घर घर आए राम हैं,सुंदर बना विधान।
सत्य कर्म करते रहो,यही राम सम्मान।।

कलियुग का अब मध्य में,बढ़ा सनातन धर्म।
सजा राम दरबार फिर,बढ़े धर्म के कर्म।।

त्रेता जैसा हो समय, उर में हो अनुराग।
सत्य कर्म जग में बढ़ें,यही सभी की मांग।।

ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम

1 Like · 111 Views

You may also like these posts

सगीर गजल
सगीर गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
धर्म और सिध्दांत
धर्म और सिध्दांत
Santosh Shrivastava
फुटपाथ की ठंड
फुटपाथ की ठंड
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*हनुमान वीर को याद करो, जो गदा साथ ले चलते थे (राधेश्यामी छं
*हनुमान वीर को याद करो, जो गदा साथ ले चलते थे (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
माँ
माँ
Usha Gupta
भावों का विस्तृत आकाश और कलम की बगीया
भावों का विस्तृत आकाश और कलम की बगीया
©️ दामिनी नारायण सिंह
प्रेम की अनमोल पूंजी
प्रेम की अनमोल पूंजी
Minal Aggarwal
यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं,
यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जो लड़कियां केवल अपने सौंदर्य को चमकाती है।
जो लड़कियां केवल अपने सौंदर्य को चमकाती है।
Rj Anand Prajapati
याद रखना
याद रखना
Pankaj Kushwaha
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।
सत्य कुमार प्रेमी
क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था
क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था
gurudeenverma198
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
धन की अधिकता से.. जीवन आसान ज़रूर बनता है। पर अकसर लोग
धन की अधिकता से.. जीवन आसान ज़रूर बनता है। पर अकसर लोग "आसान
पूर्वार्थ
सांसों को धड़कन की इबादत करनी चाहिए,
सांसों को धड़कन की इबादत करनी चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" बादल या नैना बरसे "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
मैं मजदूर हूँ
मैं मजदूर हूँ
Kanchan verma
* अवधपुरी की ओर *
* अवधपुरी की ओर *
surenderpal vaidya
मेरी राह
मेरी राह
Shekhar Deshmukh
यदि धन है और एक सुंदर मन है
यदि धन है और एक सुंदर मन है
Sonam Puneet Dubey
खुद को ढाल बनाये रखो
खुद को ढाल बनाये रखो
कार्तिक नितिन शर्मा
प्राकृतिक कल
प्राकृतिक कल
MUSKAAN YADAV
#एक_सबक़-
#एक_सबक़-
*प्रणय*
खाए खून उबाल तब , आए निश्चित रोष
खाए खून उबाल तब , आए निश्चित रोष
RAMESH SHARMA
" अंकन "
Dr. Kishan tandon kranti
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
Abhishek Soni
प्रेम ...
प्रेम ...
sushil sarna
"रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो
Atul "Krishn"
നീപോയതിൽ-
നീപോയതിൽ-
Heera S
Loading...