रूप तुम्हारा, सच्चा सोना
रूप तुम्हारा, सच्चा सोना
देखो इसको तुम ना खोना
रोज़ मुझे, बेचैन करे तू
जाने क्या है, जादू-टोना
जज़्बात रखूँ, मैं तो काबू
आय मुझे ना, रोना-धोना
वक़्त बुरा कैसा भी आए
काँटे यार, कभी ना बोना
काम हमेशा जो भी आए
हीरा है वो, बाबू सोना
– महावीर उत्तरांचली