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26 Jan 2021 · 1 min read

रुपमाला छंद (मदन छंद)

रुपमाला छंद (मदन छंद )
पर आधारित चतुष्पदी
संरचना- 212 2 2122 2122 22

एक खुशबू भीड़ में भी , फैल जाती दूर ,
एक. पंछी के सुने सब , बोल भी भरपूर ,
एक माला फूल की भी, चूर कर दे खार –
कामयाबी एक से ही , लोग बनते नूर |

कामयाबी आपकी है , आपका आधार ,
आपका ही आज यह है , दूर तक मधु प्यार ,
दे रहा यह फूल जो अब , नेह की है बेल-
आपसे है नूर उपजा , आपका ‌ श्रृंङ्गार |

चाह के आगाज का भी , मत बनाना खेल ,
बूँद नफ़रत की जला दे , आपका सब मेल ,
चमकता है प्यार भी जब, दूर तक आबाज –
टूट जाती बंदिशे भी , दीप में हो तेल |

© सुभाष सिंघई
(एम•ए• हिंदी साहित्य , दर्शन शास्त्र )
जतारा (टीकमगढ़) म०प्र०

Language: Hindi
1 Like · 558 Views

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