रुझान।
चुनावी रुझान आने प्रारंभ हो गए हैं।
प्रारंभिक रुझान सत्ताधारी दल के विरुद्ध जाते दिखाई पड़ रहे हैं। एक आदमी बैचेन होकर ड्राइंग रूम से उठकर भीतर जाता है। जहां एक मोटा सा थुलथुल नेता आराम से सोफे पर बैठा है। उसका चेहरा भावहीन है।
” सर रुझान आने प्रारंभ हो गए हैं।”
” तो ?
” उसमें हम पिछड़ते हुए दिख रहे हैं।”
” तो ?
” यदि रुझान परिणाम में परिवर्तित हुए ……….।
सामने वाले की बात को पूरा होने से पहले ही उसे टोकते हुए ” तो ?
” तो इसके अर्थ से आप भी परिचित हो , हमारी सरकार नहीं बनेगी।”
” तो ?
” तो , तो , तो क्या लगा रखा है सर , आप मेरी चिंता का मज़ाक बना रहे हैं।” आदमी झुंझला कर बोला।
मोटा नेता मुस्कुराया , उसने एक वृहद सुंदर अलमारी की तरफ इशारा किया।
आदमी ने प्रश्नवाचक दृष्टि से नेता की ओर देखा।
” इसमें उन सभी उम्मीदवारों की पूरी जन्म कुंडली , कर्म कुंडली है जिनके विजयी होने की संभावना है। अलमारी के जिस हिस्से पर हरा निशान है वहां हमारे उन उम्मीदवारों की फाइल्स हैं जिनके विजय में कोई संदेह नहीं है।”
” उसमें तो ढेर सारी फाइल्स हैं।”
” वह संख्या बहुमत से अधिक ही है , जिस हिस्से पर पीला निशान है वहां उनकी फाइल्स है जिनके जीतने की संभावना लगभग बराबर बराबर है , तीसरा हिस्सा जिसमें लाल रंग का निशान है उसमें उन उम्मीदवारों की फाइल्स है जिनसे हम निश्चित रूप से हारने वाले हैं।”
” यह तो साठ के दशक की किसी फिल्म जैसा लग रहा है सर, अब तो ऐसे डेटा एक सेल फोन में आ जाते हैं , किंतु इससे क्या होगा ?”
” जीत हमारी होगी इसमें कोई संदेह नहीं है , पर लोकतंत्र है , कुछ कह नहीं सकते , यदि दो चार सीटें कम पड़ गईं तो पीले फाइल्स वाले हैं उन्हे एक फोन कॉल जायेगा और काम हो जायेगा।”
” मतलब विरोधी जो कहते हैं वह सच कहते हैं !
” देखो युद्ध में जीतना आवश्यक है , नैतिकता का पालन उसके पश्चात करते रहेंगे , तुम जाकर टीवी एंकर्स की बहस का आनंद उठाओ।”
” बड़ी अलमारी के बगल में जो एक और अलमारी है उसमें क्या है ?”
” उसमें ऐसे ऐसे वायक्यांश हैं जिन्हे जीत के पश्चात विरोधियों के मन पर गुलाल , अबीर की तरह लगाया जाएगा , देखने में तो बड़े मधुर हैं , किंतु उनमें जलन की तीव्रता बहुत ज्यादा है , इसके प्रभाव से सभी विरोधी अजीब प्रकार का नृत्य करते पाए जाएंगे , अब तुम जाओ मुझे उन दृश्यों की कल्पना कर आनंद उठाने दो।”
Kumar Kalhans