रुग्ण विचार
किसी आदमी के व्यर्थ का बोलना,
मूर्खता ही तो है,उसकी बातें तोलना
.
वो धरातल की बातें कभी करते नहीं,
आकाश है,उस पर भी सबका बसर.
कहाँ ?
.
प्रेम सबसे हो,इज़हार किसी एक से,
ये तो प्रेम, प्रेम नहीं,जो बंटे मुंह देख देख के,
किसी आदमी के व्यर्थ का बोलना,
मूर्खता ही तो है,उसकी बातें तोलना
.
वो धरातल की बातें कभी करते नहीं,
आकाश है,उस पर भी सबका बसर.
कहाँ ?
.
प्रेम सबसे हो,इज़हार किसी एक से,
ये तो प्रेम, प्रेम नहीं,जो बंटे मुंह देख देख के,