रिहाई
~ रिहाई ~
सुना है…..
आखिर आजाद कर ही लिया उस लड़की ने खुद को,
जो बरसों से कैद थी….
बंदिशों वाली परम्पराओं और रीतिरिवाज़ों में।
और अब…..
खटकने, चुभने लगी है वो,
उन लोगो की आंखो में,
जिन्होंने उसे कमजोर समझकर,
बदनामी की जंजीरों में बांधे रखा था I
आज बहुत खुश है वो।