रिस्क
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कई बार व्यापारी आगे बढ़ना चाहता है पर सब कुछ सही करते हुए भी कई बार वो पैसों को लेकर /कुछ ऐसी छोटी हरकत कर जाता है जहाँ वो अपने विश्वास को संदेह के प्रश्नचिन्ह के कटघरे में खड़ा कर देते हैं …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कई बार व्यापारी इसलिए असफल हो जाते हैं क्यूंकि वो हीरे को कांच के दाम पर खरीदना चाहते हैं ,और कई बार सफल भी हो जाते हैं पर उस हीरे को सम्हाल नहीं पाते क्यूंकि उन्होंने आज तक काँचों के साथ समय बिताया है पर हीरे की चमक बनाये रखने के लिए क्या क्या करना पड़ता है ये वो समझ ही नहीं पाते …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जैसे हर माँ को अपना विकलांग -काला कलूटा बच्चा भी सबसे सुन्दर दिखता है वैसे ही हर व्यापारी को अपना सामान सबसे बढ़िया दीखता है पर जैसे अक्सर माँ अपने बच्चों की गलतियों पर पर्दा दाल कर उन्हें गुमराह कर देती हैं असीम प्रेम के साये में ,वैसे ही व्यापारी समय के साथ नहीं चल कर आउट हो जाते हैं या रेस से बाहर हो जाते हैं …,
आखिर में एक ही बात समझ में आई की हारना जीतना जीवन की प्रक्रिया है ,जब तक हम बड़ा रिस्क नहीं उठायेंगें तब तक हम बड़े नहीं बन सकते …!
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
?सुप्रभात ?
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
?जयपुर -राजस्थान ?