रिश्वत
रिश्वत के बिना आजकल काम नहीं होते. है
सब योजना बेकार है जब दाम नहीं होते हैं
बिगड़ी बनाने वाले होते हैं रिश्वत खोर
कहते हैं सब कुछ दौलत अब राम नहीं होते हैं
रिश्वत के बिना आजकल काम नहीं होते. है
सब योजना बेकार है जब दाम नहीं होते हैं
बिगड़ी बनाने वाले होते हैं रिश्वत खोर
कहते हैं सब कुछ दौलत अब राम नहीं होते हैं