रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
और वो हक जमाते चले गए ,
हमने दरियादिली क्या दिखाई
वो हमारा वजूद ही मिटाते चले गए|
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
और वो हक जमाते चले गए ,
हमने दरियादिली क्या दिखाई
वो हमारा वजूद ही मिटाते चले गए|