Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2024 · 1 min read

“रिश्तों में चतुराई”

“रिश्तों में चतुराई”
ना समझ है वो लोग,
जो दिखाते है चतुराई रिश्तों में।
समझते है होशियार खुद को,
और दूसरो को बेवकूफ।
रिश्ते टूटते है ,
इन्ही होशियार लोगो से।
रिश्ते बचाने का प्रयास तो वही करते है,
जिन्हे समझते है बेवकूफ।
………..✍️योगेन्द्र चतुर्वेदी

41 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बिना शर्त खुशी
बिना शर्त खुशी
Rohit yadav
बस एक प्रहार कटु वचन का - मन बर्फ हो जाए
बस एक प्रहार कटु वचन का - मन बर्फ हो जाए
Atul "Krishn"
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
Keshav kishor Kumar
जुआं उन जोखिमों का कुंआ है जिसमे युधिष्ठिर अपना सर्वस्व हार
जुआं उन जोखिमों का कुंआ है जिसमे युधिष्ठिर अपना सर्वस्व हार
Rj Anand Prajapati
पापा गये कहाँ तुम ?
पापा गये कहाँ तुम ?
Surya Barman
शिक्षा
शिक्षा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
4173.💐 *पूर्णिका* 💐
4173.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोहे-मुट्ठी
दोहे-मुट्ठी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
Dr Archana Gupta
वो
वो
Ajay Mishra
अपने नियमों और प्राथमिकताओं को बहुत स्पष्ट रूप से परिभाषित क
अपने नियमों और प्राथमिकताओं को बहुत स्पष्ट रूप से परिभाषित क
पूर्वार्थ
गांधीजी का भारत
गांधीजी का भारत
विजय कुमार अग्रवाल
फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में ,
फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में ,
Manisha Manjari
ज़िक्र-ए-वफ़ा हो या बात हो बेवफ़ाई की ,
ज़िक्र-ए-वफ़ा हो या बात हो बेवफ़ाई की ,
sushil sarna
ग़ज़ल _ मैं रब की पनाहों में ।
ग़ज़ल _ मैं रब की पनाहों में ।
Neelofar Khan
*जिंदगी  जीने  का नाम है*
*जिंदगी जीने का नाम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
अंतरात्मा की आवाज
अंतरात्मा की आवाज
SURYA PRAKASH SHARMA
Prima Facie
Prima Facie
AJAY AMITABH SUMAN
DR Arun Kumar shastri
DR Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
* नहीं पिघलते *
* नहीं पिघलते *
surenderpal vaidya
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जिन्हें हम पसंद करते हैं
जिन्हें हम पसंद करते हैं
Sonam Puneet Dubey
शे
शे
*प्रणय*
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*Relish the Years*
*Relish the Years*
Poonam Matia
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लहर तो जीवन में होती हैं
लहर तो जीवन में होती हैं
Neeraj Agarwal
मनु
मनु
Shashi Mahajan
Loading...