“रिश्तों में चतुराई”
“रिश्तों में चतुराई”
ना समझ है वो लोग,
जो दिखाते है चतुराई रिश्तों में।
समझते है होशियार खुद को,
और दूसरो को बेवकूफ।
रिश्ते टूटते है ,
इन्ही होशियार लोगो से।
रिश्ते बचाने का प्रयास तो वही करते है,
जिन्हे समझते है बेवकूफ।
………..✍️योगेन्द्र चतुर्वेदी