रिश्तों की रवानी
रिश्तों की रवानी
जो मुझसे करेगा मोहब्बत की बात,मैं उसको दूंगा दिल सौ सौ बार।
जो रखेगा मुझसे कुछ दूरियां,मैं कर दूंगा उससे और फासले हजार।।
लहजे का जो रखेगा मीठा अंदाज,मैं उससे बोलूंगा सजीला साज।
और गर रखेगा कड़वा लहजा,तो जवाब मेरा भी होगा वैसा ही राज।।
रिश्तों की बुनियाद इज्जत पर टिकी,जहां ये न हो, वहां बात न सजी।
हर बंधन में रवानी होनी जरूरी,वरना रखता मैं किसी का कर्ज नहीं।।
सादगी में हो प्यार और अहसास,तभी रिश्ते निभें उम्रभर खास।
वरना दुनिया तो सिखाती है ये ही,जो जैसा करे, उसको वैसा ही सही।।