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26 Apr 2023 · 1 min read

रिश्ते

गर हो गई हो नींद पूरी,
तो बाहर आइए सपनों से।
समय निकाल कर थोड़ा सा,
कुछ बात भी कर लो अपनों से।।1।।

हम चले गए तो याद करोगे,
कोई था जो अपना कहता था।
मुझको तो अपना माना ही था,
वो सबके दिलों में रहता था।।2।।

जब समय न दोगे रिश्तों को,
तब रिश्ते भी न बच पाएंगे।
रिश्तों की कच्ची डोरी है,
कैसे सब बंध पाएंगे।।3।।

जीवन में एक साथ ही है,
जिसमें जीवन का सार है।
अपनापन जो दे आपको,
उसका जीवन साकार है।।4।।

स्वरचित काव्य
तरुण सिंह पवार
अरूणांचल पब्लिक स्कूल सिवनी
25/04/2023

Language: Hindi
74 Views
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