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17 Dec 2022 · 1 min read

रिश्तों का महल

परायों से क्या शिकायत करूं दिल तो अपनों से घबराता है ।
रिस्तों की चादर पर ना जाने कब नमक चढ़ जाता है ।।
शिकायते करते रहते हम कि उन्हें रिश्तों की कद्र नहीं ।
बस इसी गलतफहमी में रिश्तों का महल बिखर जाता है ।।

Language: Hindi
111 Views
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