रिश्ते प्यार के
तुझे खोने के डर से
इज़हार न कर पाया ।
तड़पते रहे जिंदगी भर,
पर जता न पाया ।।
महबूब के अलाबा
और भी रिश्ते है जिंदगी में,
जिनके सहारे प्यार
जुदा न हो जिंदगी में ।।
तुझे खोने के डर से
इज़हार न कर पाया ।
तड़पते रहे जिंदगी भर,
पर जता न पाया ।।
महबूब के अलाबा
और भी रिश्ते है जिंदगी में,
जिनके सहारे प्यार
जुदा न हो जिंदगी में ।।