रिश्ते-नाते
वह रिश्ते नाते जो सबको भाते ।
दूर हैं अपने तो पास उनको बुलाते ।
स्वागत सत्कार करें घर में जो भी आते ।
नैनों में ओम् अश्रु भर आए जाते-जाते ।
ऐसी खूबियों को कहते लोग नहीं अघाते ।
ओम प्रकाश भारती ओम्
वह रिश्ते नाते जो सबको भाते ।
दूर हैं अपने तो पास उनको बुलाते ।
स्वागत सत्कार करें घर में जो भी आते ।
नैनों में ओम् अश्रु भर आए जाते-जाते ।
ऐसी खूबियों को कहते लोग नहीं अघाते ।
ओम प्रकाश भारती ओम्