रिश्ता (चंद अल्फाज)
1- कोशिश तो बहुत करते हैं खुशमिजाज रहने की
उदासी है कि अक्सर चेहरे पे छा ही जाती है
लोग जिक्र करते हैं जब फूलों मे गुलाब का
काँटों की चुभन बरबस याद आ ही जाती है
2- दर्द से दिल का रिश्ता बनाओ गजल बन जायेगी
ख्वाबों का इक गुलिस्तां सजाओ गजल बन जायेगी
क्यूँ इस तरह हमसे बिखरे बिखरे हो दोस्त
हमसे भी कुछ रिस्ता बनाओ गजल बन जायेगी
3-अजनबी शहर मे अजनबी की तरह
चले आये हैं तेरी यादों के साथ
इक इक लफ्ज़ याद करते हुए
मुस्कुराते हुए तेरी बातों के साथ
M.T”Ayen”