Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Dec 2016 · 1 min read

-: राज़-ए-मुश्कान :-

तुम्हारी नजरो की कसम,
तुमपे फ़िदा हूँ मैं,
लाख करू कोशिश विसाल की,
मगर तुमसे जुदा हूँ मैं,
तुम्हारी जुल्फों की कसम,
बहुत मजबूर हूँ मैं,
जितना हूँ करीब तुम्हारे,
उतना ही दूर हूँ मैं,
तुम्हारे रुख्शारो की कसम,
तुम्हें चाहता हूँ मैं,
तुम दे गये कसम, न रोने की,
‘साहिब’ अब हर दम मुस्कराता हूँ मैं,

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 279 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अभी जो माहौल चल रहा है
अभी जो माहौल चल रहा है
Sonam Puneet Dubey
मंज़िल को तुम्हें यदि पाना हो ,तो चलते चलो तुम रुकना नहीं !
मंज़िल को तुम्हें यदि पाना हो ,तो चलते चलो तुम रुकना नहीं !
DrLakshman Jha Parimal
अच्छा खाना
अच्छा खाना
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
दोहा त्रयी. . . शंका
दोहा त्रयी. . . शंका
sushil sarna
वक़्त का समय
वक़्त का समय
भरत कुमार सोलंकी
पहले उसकी आदत लगाते हो,
पहले उसकी आदत लगाते हो,
Raazzz Kumar (Reyansh)
"रंग का मोल"
Dr. Kishan tandon kranti
*फल (बाल कविता)*
*फल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
FOR THE TREE
FOR THE TREE
SURYA PRAKASH SHARMA
*** चोर ***
*** चोर ***
Chunnu Lal Gupta
वो एक एहसास
वो एक एहसास
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
surenderpal vaidya
सफलता और खुशी की कुंजी हमारे हाथ में है, बस हमें उस कुंजी का
सफलता और खुशी की कुंजी हमारे हाथ में है, बस हमें उस कुंजी का
Ravikesh Jha
मैं उसे पसन्द करता हूं तो जरुरी नहीं कि वो भी मुझे पसन्द करे
मैं उसे पसन्द करता हूं तो जरुरी नहीं कि वो भी मुझे पसन्द करे
Keshav kishor Kumar
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
नेता के बोल
नेता के बोल
Aman Sinha
तेरी यादें बजती रहती हैं घुंघरूओं की तरह,
तेरी यादें बजती रहती हैं घुंघरूओं की तरह,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*
विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*
Rituraj shivem verma
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
Dhirendra Singh
ज़िंदगी हो
ज़िंदगी हो
Dr fauzia Naseem shad
ये सर्द रात
ये सर्द रात
Surinder blackpen
अधूरा इश्क़
अधूरा इश्क़
Dipak Kumar "Girja"
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
कुछ प्रेम उत्सव नहीं मना पाते
कुछ प्रेम उत्सव नहीं मना पाते
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
🙅धूल-महिमा🙅
🙅धूल-महिमा🙅
*प्रणय*
*गाथा बिहार की*
*गाथा बिहार की*
Mukta Rashmi
*पूर्णिका*
*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"राहे-मुहब्बत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वो समझते हैं नाज़ुक मिज़ाज है मेरे।
वो समझते हैं नाज़ुक मिज़ाज है मेरे।
Phool gufran
तू बेखबर इतना भी ना हो
तू बेखबर इतना भी ना हो
gurudeenverma198
Loading...