Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2019 · 1 min read

राह

अपनी राह खुद ढूँढने वाले ही कामयाबी की मंज़िल तक पहुंच पाते हैं ।
व़रना औरों के नक़्शे क़दम पर चलने वालों को अक़्सर राह भटकते देखा है।

Language: Hindi
2 Likes · 206 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
पंख
पंख
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
दिल जीतने की कोशिश
दिल जीतने की कोशिश
Surinder blackpen
छंद मुक्त कविता : जी करता है
छंद मुक्त कविता : जी करता है
Sushila joshi
*सबसे महॅंगा इस समय, छपवाने का काम (कुंडलिया)*
*सबसे महॅंगा इस समय, छपवाने का काम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नया साल
नया साल
umesh mehra
राज़ हैं
राज़ हैं
surenderpal vaidya
जय श्रीराम
जय श्रीराम
Pratibha Pandey
बाइस्कोप मदारी।
बाइस्कोप मदारी।
Satish Srijan
A last warning
A last warning
Bindesh kumar jha
ग़ज़ल _ शबनमी अश्क़ 💦💦
ग़ज़ल _ शबनमी अश्क़ 💦💦
Neelofar Khan
मदांध सत्ता को तब आती है समझ, जब विवेकी जनता देती है सबक़। मि
मदांध सत्ता को तब आती है समझ, जब विवेकी जनता देती है सबक़। मि
*प्रणय प्रभात*
प्रकृति ने अंँधेरी रात में चांँद की आगोश में अपने मन की सुंद
प्रकृति ने अंँधेरी रात में चांँद की आगोश में अपने मन की सुंद
Neerja Sharma
2940.*पूर्णिका*
2940.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"वो पूछता है"
Dr. Kishan tandon kranti
कड़वाहट के मूल में,
कड़वाहट के मूल में,
sushil sarna
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
फागुनी धूप, बसंती झोंके
फागुनी धूप, बसंती झोंके
Shweta Soni
सफलता
सफलता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सदा सुखी रहें भैया मेरे, यही कामना करती हूं
सदा सुखी रहें भैया मेरे, यही कामना करती हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
उजले दिन के बाद काली रात आती है
उजले दिन के बाद काली रात आती है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
ओनिका सेतिया 'अनु '
लोग कितनी आशा लगाकर यहाॅं आते हैं...
लोग कितनी आशा लगाकर यहाॅं आते हैं...
Ajit Kumar "Karn"
सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ
सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ
Manisha Manjari
15. गिरेबान
15. गिरेबान
Rajeev Dutta
समंदर इंतजार में है,
समंदर इंतजार में है,
Manisha Wandhare
14--- 🌸अस्तित्व का संकट 🌸
14--- 🌸अस्तित्व का संकट 🌸
Mahima shukla
तुझे आगे कदम बढ़ाना होगा ।
तुझे आगे कदम बढ़ाना होगा ।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
कवि रमेशराज
रिश्तों की सिलाई अगर भावनाओ से हुई हो
रिश्तों की सिलाई अगर भावनाओ से हुई हो
शेखर सिंह
दुःख बांटने से दुःख ही मिलता है
दुःख बांटने से दुःख ही मिलता है
Sonam Puneet Dubey
Loading...