राह मुश्किल हो चाहे आसां हो
राह मुश्किल हो चाहे आसां हो
हमसफ़र हो, नहीं हो फर्क़ नहीं
मैं अकेले हीं चल रही हूँ,और
मैं अकेले हीं चलना चाहती हूँ।
ज़िंदगी भर उदास,तन्हा रही
क्या कही और क्या अनकही
मैं अकेले हीं सुन रही हूँ और
मैं अकेले हीं सुनना चाहती हूँ।