Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2024 · 1 min read

राह चलने से ही कटती है चला करते हैं।

राह चलने से ही कटती है चला करते हैं।
बेख़बर हैं वही दूरी का गिला करते हैं।
*****
इनके ऊपर नहीं मौसम की हुकूमत चलती।
ख़्वाब वो फूल हैं हर हाल खिला करते हैं।
*****
थोड़ी आसान हुआ करती ज़िंदगी उनकी।
आगे बढ़के जो मुश्किलों से मिला करते हैं।
*****
मुझको बरसात का मौसम हबीब लगता है।
शहरों जंगल सभी हँसते हैं धुला करते हैं।
*****
जब तलक जिंदगी , इनसे , निज़ात किसको है।
हादसे आते हैं बेख़ौफ़ मिला करते हैं।
*****
धूप में चल रहे जो उनका हाल कैसे कहूँ।
यहाँ तो आदमी साये में जला करते हैं।
*****
सब “नज़र” देखते हैं तुझको बड़ी हैरत से।
ख़्याल दिल में तेरे कितने पला करते हैं।
*****
कुमारकलहँस,16,01,2019,बोइसर,पालघर।

Language: Hindi
69 Views
Books from Kumar Kalhans
View all

You may also like these posts

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
मोदी राग
मोदी राग
जय लगन कुमार हैप्पी
* जन्मभूमि का धाम *
* जन्मभूमि का धाम *
surenderpal vaidya
गणतंत्र के मूल मंत्र की,हम अकसर अनदेखी करते हैं।
गणतंत्र के मूल मंत्र की,हम अकसर अनदेखी करते हैं।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
Manisha Manjari
ॐ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव संभवम्।
ॐ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव संभवम्।
Shashi kala vyas
चवपैया छंद , 30 मात्रा (मापनी मुक्त मात्रिक )
चवपैया छंद , 30 मात्रा (मापनी मुक्त मात्रिक )
Subhash Singhai
अरुणोदय
अरुणोदय
Manju Singh
अधरों के बैराग को,
अधरों के बैराग को,
sushil sarna
🙏विषय
🙏विषय """श्राद्ध 🙏
umesh mehra
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
3095.*पूर्णिका*
3095.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
इन नजरों में तेरी सूरत केवल नजर आती है।
इन नजरों में तेरी सूरत केवल नजर आती है।
Rj Anand Prajapati
माँ महागौरी है नमन
माँ महागौरी है नमन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
Aarti sirsat
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
..
..
*प्रणय*
Let us converse with ourselves a new this day,
Let us converse with ourselves a new this day,
अमित
श्री राम उत्सव
श्री राम उत्सव
Ruchi Sharma
माँ सरस्वती
माँ सरस्वती
Mamta Rani
नारी कहने को देवी है, मगर सम्मान कहाँ है,
नारी कहने को देवी है, मगर सम्मान कहाँ है,
पूर्वार्थ
पृथ्वी
पृथ्वी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Mukesh Kumar Sonkar
*प्रभु पाने की विधि सरल ,अंतर के पट खोल(कुंडलिया)*
*प्रभु पाने की विधि सरल ,अंतर के पट खोल(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"शीशा और पत्थर "
Dr. Kishan tandon kranti
यूं ही नहीं मैंने तेरा नाम ग़ज़ल रक्खा है,
यूं ही नहीं मैंने तेरा नाम ग़ज़ल रक्खा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भजन- कावड़ लेने आया
भजन- कावड़ लेने आया
अरविंद भारद्वाज
फिर चाहे ज़िंदो में.. मैं मुर्दा ही सही...!!
फिर चाहे ज़िंदो में.. मैं मुर्दा ही सही...!!
Ravi Betulwala
कौन किसके सहारे कहाँ जीता है
कौन किसके सहारे कहाँ जीता है
VINOD CHAUHAN
Loading...