राह अगले चल रहल हर आदमी हम का करीं। (ग़ज़ल)
भोजपुरी ग़ज़ल
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राह अगले चल रहल हर आदमी हम का करीं।
मन भरल सबका इहाँ अब तिश्नगी हम का करीं।
नीर अँखियाँ से झरेला देख अब हालात के,
आजु नफ़रत पल रहल बा हर गली हम का करी।
राम मुख, छूरी बगल लेके घुमत बा सब इहाँ,
लोभ, ईर्ष्या, द्वेष के जामत दही हम का करीं।
पूजि के पाथर भइल सबके हृदयँ पाषाण बा,
आजु करुणा से बनल दूरी बड़ी हम का करीं।
साँच से दूरी बना रिश्ता निभावल झूठ से,
नाच नाचत बा इहाँ बदनीयती हम का करीं।
घोर कलजुग आ गइल बा देखि के मनवा डरे,
मिट रहल सबका हिया के सादगी हम का करीं।
देत बा धोखा सचिन जेकरे से तोहरा नेह बा,
नेह बाकीर रह गइल बा कागजी हम का करीं।
✍️ पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’