राह्ते नींद।
उनकी यादों में हम करवटें ही बदलते रहे है।
आज बीती सारी रात हम ऐसे ही जागते रहे है।।
सो रहा है जालिम हमको जगाकर सुकु से।
वह सोते रहे राहते नींद हम यही सोचते रहे है।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
उनकी यादों में हम करवटें ही बदलते रहे है।
आज बीती सारी रात हम ऐसे ही जागते रहे है।।
सो रहा है जालिम हमको जगाकर सुकु से।
वह सोते रहे राहते नींद हम यही सोचते रहे है।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍