राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
कभी परिस्थितियां बबाल करती हैं,
अन्ततोगत्वा,
कभी रहती चुप कभी धमाल करती हैं,
फिर अपनी कोशिशें भी कमाल करती हैं।
©️ सुनील माहेश्वरी
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
कभी परिस्थितियां बबाल करती हैं,
अन्ततोगत्वा,
कभी रहती चुप कभी धमाल करती हैं,
फिर अपनी कोशिशें भी कमाल करती हैं।
©️ सुनील माहेश्वरी