रहो महलों में बन में
रहो महलों में बन में ना चलो लखन मेरी मानो भाई-2
भूखे प्यासे रहो कैसे दुखड़े सहो
शेर चीतो को देख देख डरोगे लखन
संग तेरे रहूं सारे दुखड़े सहू
शेर चीत़ो को मार डालूं भाई
पहाड़ ऊंचे खड़े राह में कांटे पड़े
पड़ पड़ पांव में छाले गिरोगे लखन
रहना तुम बिन नहीं पड़े मरना सही
कभी बलदेव की आज्ञा को टालु नहीं