राहि जोहेले छोटकी तोहार भइया
राखी गीत
आइल राखी के पावन तिहुआर भइया।
राहि जोहेले छोटकी तोहार भइया।
जेठ, अषाढ़ बितल आ गइल सावन।
सावन के पूर्णिमा हऽ शुभऽ दिन पावन।
भूलि जइहऽ ना हमरो दुआर भइया।
राहि जोहेले छोटकी तोहार भइया।
अनमोल प्रेम होला भाई-बहिन के।
रहे प्रतिक्षा बहुत एहि दिन के।
भले दिहऽ ना कंगन हार भइया।
राहि जोहेले छोटकी तोहार भइया।
गूथल धागा में प्रेम आशीष हो।
जुग-जुग जिहऽ तू लाखऽ बरिस हो।
तहके लागे उमिरिया हमार भइया।
राहि जोहेले छोटकी तोहार भइया।
(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य
तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.)
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