रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं
रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं
— — — —-
रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं
जब चलें नंगे पाँव हम
कालीन पर चलने वालों को
फर्श कितनी ठंढी है
इसका एहसास नहीं होता !!
अतुल “कृष्ण”
रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं
— — — —-
रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं
जब चलें नंगे पाँव हम
कालीन पर चलने वालों को
फर्श कितनी ठंढी है
इसका एहसास नहीं होता !!
अतुल “कृष्ण”