Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2024 · 1 min read

रास्ता दो तो हम भी चार कदम आगे बढ़ें…

रास्ता दो तो हम भी चार कदम आगे बढ़ें…
यूं ही कब तक तुम्हारे पीछे-पीछे और चले…..

22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shweta Soni
View all
You may also like:
होना नहीं अधीर
होना नहीं अधीर
surenderpal vaidya
न बीत गई ना बात गई
न बीत गई ना बात गई
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
यूं गुम हो गई वो मेरे सामने रहकर भी,
यूं गुम हो गई वो मेरे सामने रहकर भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
माँ तेरे आँचल तले...
माँ तेरे आँचल तले...
डॉ.सीमा अग्रवाल
पल का मलाल
पल का मलाल
Punam Pande
आपको दिल से हम दुआ देंगे।
आपको दिल से हम दुआ देंगे।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
पतझड़ से बसंत तक
पतझड़ से बसंत तक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ये सूरज के तेवर सिखाते हैं कि,,
ये सूरज के तेवर सिखाते हैं कि,,
Shweta Soni
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
2697.*पूर्णिका*
2697.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मानवीय संवेदना बनी रहे
मानवीय संवेदना बनी रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"प्रथम साहित्य सृजेता"
Dr. Kishan tandon kranti
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
gurudeenverma198
मुक्तक7
मुक्तक7
Dr Archana Gupta
पेड़ - बाल कविता
पेड़ - बाल कविता
Kanchan Khanna
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Sakshi Tripathi
अपनी समस्या का समाधान_
अपनी समस्या का समाधान_
Rajesh vyas
मौज-मस्ती
मौज-मस्ती
Vandna Thakur
खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है
खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
या तो लाल होगा या उजले में लपेटे जाओगे
या तो लाल होगा या उजले में लपेटे जाओगे
Keshav kishor Kumar
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
श्रम साधक को विश्राम नहीं
श्रम साधक को विश्राम नहीं
संजय कुमार संजू
आँखों में सपनों को लेकर क्या करोगे
आँखों में सपनों को लेकर क्या करोगे
Suryakant Dwivedi
*करिए जीवन में सदा, प्रतिदिन पावन योग (कुंडलिया)*
*करिए जीवन में सदा, प्रतिदिन पावन योग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तिरंगा
तिरंगा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*** बचपन : एक प्यारा पल....!!! ***
*** बचपन : एक प्यारा पल....!!! ***
VEDANTA PATEL
चारु कात देख दुनियाँ के सोचि रहल छी ठाड़ भेल ,की छल की भऽ गेल
चारु कात देख दुनियाँ के सोचि रहल छी ठाड़ भेल ,की छल की भऽ गेल
DrLakshman Jha Parimal
वाह भई वाह,,,
वाह भई वाह,,,
Lakhan Yadav
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
Loading...