Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2024 · 1 min read

राष्ट्र भक्ति

कुण्डलिया
~~~~
हर मन में हो प्रज्वलित, राष्ट्र भक्ति की आग।
स्वार्थ भावना से रहित, जन जीवन बेदाग।
जन जीवन बेदाग, धर्म हित भाव गहन हो।
मातृभूमि पर कष्ट, कभी भी नहीं सहन हो।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, जोश हो हर स्पंदन में।
सबसे पहले देश, भाव यह हो हर मन में।
~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 1 Comment · 17 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

होकर उल्लू पर सवार
होकर उल्लू पर सवार
Pratibha Pandey
*प्रकृति-प्रेम*
*प्रकृति-प्रेम*
Dr. Priya Gupta
সেই আপেল
সেই আপেল
Otteri Selvakumar
संन्यास से त्याग तक
संन्यास से त्याग तक
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
प्रकृति का दर्द– गहरी संवेदना।
प्रकृति का दर्द– गहरी संवेदना।
Abhishek Soni
"यह कैसा नशा?"
Dr. Kishan tandon kranti
🙅समझ सको तो🙅
🙅समझ सको तो🙅
*प्रणय*
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
Devesh Bharadwaj
शायद जिंदगी
शायद जिंदगी
पूर्वार्थ
शीर्षक - सच (हमारी सोच)
शीर्षक - सच (हमारी सोच)
Neeraj Agarwal
बहनें
बहनें
Mansi Kadam
!!! नानी जी !!!
!!! नानी जी !!!
जगदीश लववंशी
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
बचपन अपना अपना
बचपन अपना अपना
Sanjay ' शून्य'
23/92.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/92.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एहसास.....
एहसास.....
Harminder Kaur
प्रीत
प्रीत
श्रीहर्ष आचार्य
चाह
चाह
Dileep Shrivastava
मेरे पिंजरे का तोता
मेरे पिंजरे का तोता
Laxmi Narayan Gupta
‘सच’ का सच
‘सच’ का सच
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
छल ......
छल ......
sushil sarna
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुर्सी
कुर्सी
Bodhisatva kastooriya
बुला रही है सीता तुम्हारी, तुमको मेरे रामजी
बुला रही है सीता तुम्हारी, तुमको मेरे रामजी
gurudeenverma198
टुकड़े-टुकड़े दिन है बीता, धज्जी-धज्जी सी रात मिली
टुकड़े-टुकड़े दिन है बीता, धज्जी-धज्जी सी रात मिली
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रंगों की होली
रंगों की होली
Karuna Bhalla
*गॉंधी जी सत्याग्रही, ताकत में बेजोड़ (कुंडलिया)*
*गॉंधी जी सत्याग्रही, ताकत में बेजोड़ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वक्त और शौर्य
वक्त और शौर्य
manorath maharaj
कीलों की क्या औकात ?
कीलों की क्या औकात ?
Anand Sharma
धर्म युद्ध
धर्म युद्ध
Jalaj Dwivedi
Loading...