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17 Sep 2024 · 1 min read

राष्ट्र धर्म

राष्ट्र धर्म सर्वोपरि, लेखन या अध्यात्म
त्याग और बलिदान से, बचता देश महान

यदि है सुरक्षित संस्कृति , निज भाषा का ज्ञान
देश सनातन यदि रहा, तो ही है पहचान

छोटी सी त्रुटि भई , बने न शूल समान
अपने निजी विचार है, अपमान या अभिमान

फिर से वही न दोहराएं, कर चुके जो भूल
धर्म सदैव ध्यान रहे, जाने अपना मूल

धर्म अर्थ कर्तव्य है , इसे न समझें धर्म
दो शब्दों के फेर में , बदल जाए न मर्म

Language: Hindi
5 Views
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