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1 Oct 2021 · 1 min read

रावण

हर साल दश्हरा तुम मनाते हो
हर. साल. रावण को भी जलाते हो.
छूपा हुआ है तुम्हारे भीतर ही कही रावण ।
पहले उसे तो खत्म करो .
जिसके वश में तुम मासूम बच्चो की
हत्या बेरहमी से करते हो।
कभी सोचा है क्या गूज़रती होगी उन माँ- पिता पर ।
जिनकी गोद तुम सुनी कर देते हो।
.

Language: Hindi
322 Views
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