रावण था विद्वान् अगर तो समझो उसकी सीख रही।
रावण था विद्वान् अगर तो समझो उसकी सीख रही।
साधू वाला वेश धरा तो इच्छा उसकी भीख रही।
आम जनों का कहना क्या है सीता भी छल जाती है।
सतयुग वाली घटनाएं भी मुझको निस दिन दीख रही।।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर ‘