Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2022 · 1 min read

*रावण का पुतला जलता है (गीत)*

रावण का पुतला जलता है (गीत)
_________________________
हर साल दशहरे पर पुतला, रावण का जलता है
(1)
भरी भीड़ के बीच पराजित बलशाली होता है
सोने की लंका का मालिक सिंहासन खोता है
अहंकार हिमशिखरों-जैसा, ऊँचा सब गलता है ।
(2)
नारी को जो चुरा रहा यह उससे हुई लड़ा‌ई
लड़ा अनैतिकता से यह ताकत जटायु में आई
मिलता है उपहास उसे जो, गलत राह चलता है
(3)
धन वैभव ऐश्वर्य काम, रावण के तनिक न आया
क्षण में गयी समूची सत्ता, हुई तिरोहित माया
बुरी सोच का बुरा नतीजा, जीवन में फलता है
हर साल दशहरे पर पुतला, रावण का जलता है
————————–
रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र.) मोबाइल 9997615451

419 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

★महाराणा प्रताप★
★महाराणा प्रताप★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
दोस्ती
दोस्ती
Adha Deshwal
*अमर रहे गणतंत्र हमारा, मॉं सरस्वती वर दो (देश भक्ति गीत/ सरस्वती वंदना)*
*अमर रहे गणतंत्र हमारा, मॉं सरस्वती वर दो (देश भक्ति गीत/ सरस्वती वंदना)*
Ravi Prakash
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
Shubham Pandey (S P)
तेरे इश्क़ में थोड़े घायल से हैं,
तेरे इश्क़ में थोड़े घायल से हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
- बिखरते सपने -
- बिखरते सपने -
bharat gehlot
केजरू
केजरू
Sanjay ' शून्य'
हीर मात्रिक छंद
हीर मात्रिक छंद
Subhash Singhai
#रे मन तेरी मेरी प्रीत
#रे मन तेरी मेरी प्रीत
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
16) अभी बाकी है...
16) अभी बाकी है...
नेहा शर्मा 'नेह'
इक्कीसवीं सदी का भागीरथ
इक्कीसवीं सदी का भागीरथ
आशा शैली
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मेरा नसीब मुझे जब भी आज़मायेगा,
मेरा नसीब मुझे जब भी आज़मायेगा,
Dr fauzia Naseem shad
जब सिस्टम ही चोर हो गया
जब सिस्टम ही चोर हो गया
आकाश महेशपुरी
■ सुरीला संस्मरण
■ सुरीला संस्मरण
*प्रणय*
काला धन काला करे,
काला धन काला करे,
sushil sarna
4638.*पूर्णिका*
4638.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
Ranjeet kumar patre
आज के युग का सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये है
आज के युग का सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये है
पूर्वार्थ
यादें
यादें
Dinesh Kumar Gangwar
"प्यार में तेरे "
Pushpraj Anant
छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
Shweta Soni
क्या ये किसी कलंक से कम है
क्या ये किसी कलंक से कम है
Dr.Pratibha Prakash
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
Rj Anand Prajapati
घर नही है गांव में
घर नही है गांव में
Priya Maithil
चर्चित हो जाऊँ
चर्चित हो जाऊँ
संजय कुमार संजू
निकलते देखे हैं
निकलते देखे हैं
Arvind trivedi
हनुमान वंदना/त्रिभंगी छंद
हनुमान वंदना/त्रिभंगी छंद
guru saxena
गीत- कृष्णा की पुकार सुनो...
गीत- कृष्णा की पुकार सुनो...
आर.एस. 'प्रीतम'
थोड़ा और
थोड़ा और
Varun Singh Gautam
Loading...