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10 Feb 2022 · 1 min read

राम

राम हैं चारो दिशाएं, राम आठो याम हैं।
राम पावन पुण्य हैं तो, राम चारो धाम हैं।

राम चौपाई अगर तो, राम ही भावार्थ हैं।
राम हैं घट-घट निवासी, राम ही पुरुषार्थ हैं।
राम ऊर्जा स्रोत हैं तो, राम ही दिनमान हैं।
राम मर्यादा पुरुष हैं, लक्ष्य का संधान हैं।

राम की जिनपर कृपा, उसके सुखद परिणाम हैं।
राम पावन पुण्य हैं तो, राम चारो धाम हैं।

राम अंबर से धरातल, राम ही पाताल हैं।
राम जग की जीविका हैं, राम अविचल काल हैं।
राम ही सर्वज्ञ हैं तो, राम ही विज्ञान हैं।
राम हैं सम्मुख सभी के, राम अंतर्ध्यान हैं।

राम मनमोहक मनोहर, राम ही अभिराम हैं।
राम पावन पुण्य हैं तो, राम चारो धाम हैं।

अभिनव मिश्र अदम्य

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 359 Views
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